Wednesday, 21 November 2018

23वां जीवन विद्या वार्षिक सम्मलेन-2018
















23वां जीवन विद्या वार्षिक सम्मलेन-2018





23वां जीवन विद्या वार्षिक सम्मलेन-2018
अखंड समाज, सार्वभौम व्यवस्था के लिए शिक्षा और जीने का स्वरूप-राष्ट्रीय सम्मेलन
(15, 16, 17 नवंबर, 2018, अहमदाबाद, गुजरात)
                                    आमंत्रण पत्र          
जीवन विद्या का 23वां वार्षिक सम्मेलन के अंतर्गत अखंड समाज, सार्वभौम व्यवस्था के लिए शिक्षा और जीने का स्वरूप” राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 15, 16, 17 नवम्बर, 2018 गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद  के सौजन्य और सहयोग से होने जा रहा है । मध्यस्थ दर्शन सहअस्तित्ववाद (जीवन विद्या पर आधारित ) पर विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन राष्ट्रीय और प्रदेशिक स्तर पर हो रहा है, और अनेक परिवार समूह स्वराज्य व्यवस्था के अर्थ में सह-जीवन के प्रयोग कर रहे है । देशभर से आने वाले अनेक वक्ताओं को सुनने और चर्चा का अवसर भी होगा।

राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र और अन्य सत्रों में आप सादर-साग्रह आमंत्रित है ।
                                                                   

कार्यक्रम-विवरण

उद्घाटन सत्र: अखंड समाज, सार्वभौम व्यवस्था के लिए शिक्षा और जीने का स्वरूप”
दिनांक : 15 नवम्बर, गुरुवार, 2018
समय : प्रातःकाल 9.30 से 10.45
स्थान : सभागृह, गुजरात विद्यापीठ, आश्रम रोड, अहमदाबाद, गुजरात

मुख्य वक्तागण :
1.  स्वागत वक्तव्य एवं गुजरात विद्यापीठ की विशिष्टता : डॉ. राजेंद्र खिमानी, कुलसचिव
2.  अखंड समाज, सार्वभौम व्यवस्था के लिए शिक्षा और जीने का स्वरूप:  गणेश बागड़िया, मानवीय शिक्षा-संस्कार संस्थान, कानपुर
3.  सार्वभौम मानवीय मूल्य शिक्षा के प्रयोग स्वामी त्यागवल्लभदासजी, आत्मीय ग्रुप, राजकोट
4.  राष्ट्रीय स्तर पर उच्चशिक्षा के मानवीयकरण के प्रयोगों का सिंहावलोकन प्रो. (डॉ.) राजीव सांगल, पूर्व कुलपति, बी.एच.यू., और पूर्व निदेशक, आई.आई. टी., वाराणसी         
5.  मध्यस्थ दर्शन-सहअस्तितवाद : शिक्षा-व्यवस्था के पड़ाव : सुश्री शारदा शर्मा, अमरकंटक
6.  स्वराज व्यवस्था और मानवीय शिक्षा के विकल्प: कुमुद चंद्र ठाकर, पूर्व नियामक, लोकभारती
7.  प्रमुख वक्तव्य : प्रो. अनामिक शाह, उपकुलपति, गुजरात विद्यापीठ

निवेदक
जीवन विद्या परिवार, अहमदाबाद, गुजरात

 


15 नवम्बर,   प्रातः 11.15 से दोपहर  01.00                     
प्रथम मुख्य सत्र:  मानवीय शिक्षा एवं जीने का स्वरूप
मंच संचालक: सुरेश पटेल        सत्र संचालक : प्रो. सुरेन्द्र पाठक
·  विद्यालयीन शिक्षा के मानवीयकरण के प्रयास एवं उपलब्धियां - सोम त्यागी
·  अभिभावक विद्यालय का स्वरूप एवं अग्रिम-गति- अनिता शाह
·  शिक्षा के मानवीयकरण के लिए सार्वभौम पाठ्यक्रम संरचना (UCF) - अशोक गोपाला जी
·  उच्च शिक्षा का मानवीयकरण के प्रयास प्रो. प्रदीप रामचरल्ला
·  सह-अस्तित्ववादी दृष्टिकोण से शोध की संभावना- हिमांशु दूगड़
·  व्यवस्थात्मक  कार्यक्रम के साथ शिक्षा का स्वरूप - हेमंत मोहरीर
·  सार्वभौम मानवीय मूल्य शिक्षा के प्रयास और उपलब्धियां - श्याम कुमार
·  मानवीय शिक्षा के लिए अध्ययन एवं शिक्षण विधियां - शिव शंकर
·  मानवीय शिक्षा में अभ्यास का महत्व एवं विधियां- भारत भाऊ
समानांतर सत्र : (1-4) सायः 03.30 से 05.30
सार्वभौम व्यवस्था के विविधआयाम पर विचार-विमर्श
1. शिक्षा-संस्कार व्यवस्था : प्रो. सुरेन्द्र पाठक
2. न्याय-सुरक्षा व्यवस्था : सुरेन्द्र पाल
3. स्वस्थ्य-संयम व्यवस्था:  डॉ. शीतल बहन ज़रीवाला
4.उत्पादन-कार्य और विनिमय-कोष व्यवस्था- भारतभूषण त्यागी
समानांतर गोष्ठी : (1-2)  - सायः 08.00 to 09.00
1.     महिला गोष्ठी  : सुनीता पाठक जी  एवं वर्षा दायमा
2.     युवा गोष्ठी  : बोनी प्रजापति जी एवं शैव्या पाठक
16 नवम्बर, प्रातः 09.30 to 11.30
द्वतीय मुख्य सत्र-
अखंड समाज के लिए शिक्षा और जीने का स्वरूप
मंच संचालक: सुरेश पटेल जी  सत्र संचालक सुरेन्द्र पाल
·       मानव में समानता के लिए शिक्षा का स्वरूप - राकेश गुप्ता
·       मानव में जीने के चार आयाम में समरसता कुमार संभव
·       अखंड समाज में स्त्री-पुरुष समानता - सुनीता पाठक
·       अखंड समाज में अमीरी-गरीबी में संतुलन - सत्य प्रकाश भारत
·       परिवार-समाज-राष्ट्र-अंतरराष्ट्र में एकसूत्रता सारिका क्षीरसागर
·       अखंड समाज में विधि-विधान-संविधान बलराज मलिक
·       अखंड समाज में व्यवस्थात्मक कार्यक्रमों का महत्व - सुवर्णा शास्त्री
12.00 to 01.00 समानांतर सत्रों की रपट वाचन
सायःकाल 03.30 to 05.30 
समानांतर सत्र-शिक्षा में परिपूर्णता के अर्थ में विचार-विमर्श
1. साहित्य के साथ तात्विकता : सुवर्णा शास्त्री
2. विज्ञान के साथ चैतन्य पक्ष :  अजय जैन
3. मनोविज्ञान के साथ संस्कार पक्ष : योगेश उपाध्याय
4. अर्थशास्त्र के साथ सदुपयोगिता एवं सुरक्षा : जिगर रावल 
5. दर्शन के साथ क्रिया पक्ष : श्याम कुमार
समानांतर गोष्ठी : (3-4)    सायः 08.00 to 09.00
(3)  UCF गोष्ठी :   उम्मेद नाहटा
(4) नए प्रबोधकों की गोष्ठी : अशोक गोपाला
 

17 नवम्बर,  प्रातः 09.30 to 11.30
तृतीय मुख्य सत्र-  
सार्वभौम व्यवस्था के लिए शिक्षा और जीने का स्वरूप
मंच संचालक: सुरेश पटेल       सत्र संचालक : अजय दायमा
·       व्यवस्थात्मक कार्यक्रमों में एकसूत्रता - रणसिंह आर्य
·       सार्वभौम व्यवस्था में शिक्षा एवं व्यवस्था का स्वरूप – साधन
·       सार्वभौम व्यवस्था में न्याय-सुरक्षा व्यवस्था - श्रीराम
·       सार्वभौम व्यवस्था में उत्पादन-कार्य व्यवस्था - प्रेम सिंह
·       सार्वभौम व्यवस्था विनिमय-कोष एवं श्रम मूल्यांकन - अजय जैन
·       सार्वभौम व्यवस्था में स्वास्थ्य-संयम व्यवस्था डॉ. नीता जैन
·       सार्वभौम व्यवस्था में विधि-विधान-संविधान का स्वरूप एवं महत्व - विचित्रवीर सिंह
·       सार्वभौम  व्यवस्था में उद्योगों की अवस्थिति- विवेक चतुर्वेदी
12.00 to 01.00 समानांतर सत्रों की रपट वाचन

समापन सत्र   02.30 to 4.00
रपट वाचन, मूल्यांकन और निष्कर्ष व समीक्षा -  अखंड समाज और सार्वभौम व्यवस्था के लिए शिक्षा और जीने का स्वरूप सम्मलेन के सत्रों का रपट वाचन:
सम्मलेन का मूल्यांकन-I  (दिल्ली)    
सम्मलेन का मूल्यांकन-II (रायपुर)
सम्मलेन का मूल्यांकन-III (इंदौर)
सम्मलेन का मूल्यांकन-IV (कानपुर)
सम्मलेन का मूल्यांकन-V (सूरत)
सम्मलेन का मूल्यांकन-V (हैदराबाद)
समापन वक्तव्य - रामजी भाई
03.30 to 03.4
प्रमुख आभार प्रदर्शन : उम्मेद नाहटा जी
कृतज्ञता की संयुक्त अभिव्यक्ति :
सरिता पटेल,
फाल्गुनी बहन,
अर्चना यादव, आदि एवं
गुजरात के सभी कार्यकर्ता (प्रत्येक समिति से)
अगले सम्मेलन का प्रस्ताव और घोषणा



23वां जीवन विद्या वार्षिक सम्मलेन – 2018
 (अस्तित्व मूलक मानव केंद्रित चिंतन - मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववाद : प्रणेता-ए नागराज)

राष्ट्रीय सम्मेलन
अखंड समाज, सार्वभौम व्यवस्था के लिए
शिक्षा और जीने का स्वरूप

15, 16, 17 नवंबर, 2018
स्थान : गुजरात विद्यापीठ, आश्रम रोड, अहमदाबाद

आयोजक
गुजरात जीवन विद्या परिवार और गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद